आज का दिन था बड़ा सुहाना "
ज़हन मैं था बस एक ही तराना
की जीलूँ आज इसे जी भर के
कही पड़े न फिर पछताना
आज का दिन था बड़ा सुहाना ।
कह दूँ जिसे जो कहना आज ।।
फिर करूंगा अपना काम काज
आएगी यारों की भी बहुत याद
ऐसे शिक्षक भी कहा मिलेंगे इसके बाद
अरे कहा मिलेंगे ये पल इसके बाद।।
पहले तो "तंग "थे इसी से
पहले तो "बेरंग "थे इसी से
कोसते थे इनको बार बार ,हर बार
अब चाह है इसी की
जो न हो सकेगी पूरी ,जो न हो सकेगी पूरी ।।
जीवन का नाम है आगे बढ़ना
आगे बढ़ना, मतलब पीछें कुछ छूटना
इसका गम हाय बड़ा दुखदाई
ये पल नहीं मिलेंगे अगर दे भी दी सारी कमाई
'अगर दे भी दी सारी कमाई l
आज का दिन था बड़ा सुहाना "
ज़हन मैं था बस एक ही तराना
की जीलूँ आज इसे जी भर के
कही पड़े न फिर पछताना
आज का दिन था बड़ा सुहाना ।
कह दूँ जिसे जो कहना आज ।।
फिर करूंगा अपना काम काज
आएगी यारों की भी बहुत याद
ऐसे शिक्षक भी कहा मिलेंगे इसके बाद
अरे कहा मिलेंगे ये पल इसके बाद।।
पहले तो "तंग "थे इसी से
पहले तो "बेरंग "थे इसी से
कोसते थे इनको बार बार ,हर बार
अब चाह है इसी की
जो न हो सकेगी पूरी ,जो न हो सकेगी पूरी ।।
जीवन का नाम है आगे बढ़ना
आगे बढ़ना, मतलब पीछें कुछ छूटना
इसका गम हाय बड़ा दुखदाई
ये पल नहीं मिलेंगे अगर दे भी दी सारी कमाई
'अगर दे भी दी सारी कमाई l