पैसों से हर चीज खरीदी जा सकती है।








दुआ
दौलत कम कमाई है

मगर इज्जत और प्यार हर दिन कमाता हूँ
ऐशो आराम की जिंदगी तो नहीं है मेरी
मगर जितना है  उसे सबके साथ बाट के खाता हूँ।
जब महंगाई देखता हूँ,  तो मलाल होता है कम कमाने का।
जब बेईमानी देखता हूँ, तो बुरा लगता है ईमानदारों का हाल देखकर।
मगर फिर जब मैं अपनी थाली में से  किसी गरीब को खिलाता हूं तो पता चलता है।
कि मुझसे अमीर तो कोई हैं ही नहीं मेरे पास तो इतने लोगों की दुआएँ है।
पैसों से हर चीज खरीदी जा सकती है।
मगर खुशी प्यार ओर  सच्चे दिल से निकली दुआ नहीं।

No comments:

Post a Comment

किसान की जमीन को गलत तरीके से बहला फुसला कर के कब्जे में किया

  किसान  की  जमीन  को गलत तरीके  से  बहला  फुसला कर के                                            कब्जे  में किया ...

hasy kavita