ऐसी लत पड़ गयी है, की छुटती नहीं, आदत SMS करने की फुटती नहीं,
ऐसी लत पड़ गयी है, की छुटती नहीं,
आदत SMS करने की फुटती नहीं,
पिछले हफ्ते का recharge ख़तम होने को,
mobile से पर उँगली है उठती नहीं!
माना SMS दस पैसे per head है,
पर network में 'मजाल', friends भी दो सौ दस है,
सबको करने में तो खर्चा है जी!
कोई offer अच्छा है जी ?
क्या इससे सस्ता है जी ?
हमे क्या पता था, status हमारा, friends पे यूँ जाहिर भी होगा,
करो न SMS , तो झट ताड़ लेते, 'Balance तेरा काफी न होगा !'
जेब तंग अपनी, कैसे ख़र्च करें ?
बेहतर है internet पे ही search करें !
Net के जैसा कुछ, मुफ्त सा नहीं है!
हजारों sites पे 'Free SMS Send ' है,
सारे messengers में भी free option है,
मामला यूँ भी निपटता है जी!
ये offer अच्छा है जी !
हाँ, सबसे से सस्ता है जी !
दो घंटे खड़ा कराने के बाद कहतीं हैं, 'दुकान में आप हड़बड़ी कर देतें है!'
दो घंटे खड़ा कराने के बाद कहतीं हैं,
'दुकान में आप हड़बड़ी कर देतें है!'
'चलो फ़ोन रखती हूँ' कहने का मतलब,
आधा घंटा और मसखरी कर लेतें है!
जिस दिन है होती उनसे बहस,
शरबत को वो कढ़ी कर देतें है!
फुर्सत गज़ब, तरकीबें अजब,
फिर से कपडे घड़ी कर लेतें है !
ख़ुशी की बची न कोई गुंजाईश,
सारे ग्रहों को वो शनि कर देतें हैं!
उलझ के उनसे कौन शामत बुलाए,
वो जैसा कहें, हम वहीँ कर देतें है!
बस देतें है धमकी जाने की माइके,
हसरत कहाँ हमारी पूरी कर देतें है!
यूँ करते है दूध में किफ़ायत वो 'मजाल',
सीधे दिमाग का ही वो दही कर देते हैं!
महीने की, पहली तारीख को, कितनी अच्छी, लगती थी तुम,
महीने की,
पहली तारीख को,
कितनी अच्छी,
लगती थी तुम,
मेरे हाथ में,
पूरी की पूरी !
गोया,
तुम और मैं,
बने है,
सिर्फ,
एक दूसरे के लिए,
पूरे के पूरे !
एक अनकहा वादा था,
साथ निभाने का,
पूरे महीने भर का !
मगर तुम,
ऐ नाज़नीन !
निकली बेवफा,
उस पूनम के चाँद की तरह,
जो होता चला गया,
कम,
रोज़ ब रोज़,
और गायब हो गयी तुम,
बीच महीने में,
पूरी तरह से,
मेरा साथ छोड़ कर,
चाँद की तरह !
अब मैं बैठा हूँ,
तन्हा !
खाली मलते हुए,
अपने हाथ,
और,
मेरे सामने बचा है,
काटने को,
आधा महीना,
पूरा का पूरा !
मोटूराम ! मोटूराम ! दिन भर खाते जाए जाम,
मोटूराम ! मोटूराम !
दिन भर खाते जाए जाम,
पेट को न दे जरा आराम,
मोटूराम ! मोटूराम !
स्कूल जो जाए मोटूराम,
दोस्त सताए खुलेआम,
मोटू, तू है तोंदूराम !
हमारी कमर, तेरा गोदाम !
तैश में आएँ मोटूराम !
भागे पीछे सरेआम,
पर बाकी सब पतलूराम !
पीछे रह जाएँ मोटूराम !
रोते घर आएँ मोटूराम,
सर उठा लें पूरा धाम,
माँ पुचकारे छोटूराम,
मत रो बेटा , खा ले आम !
जब जब रोतें मोटूराम,
तब तब सूते जाए आम,
और करें कुछ, काम न धाम,
मुटियाते जाएँ मोटूराम !
एक दिन पेट में उठा संग्राम !
डाक्टर के पास मोटूराम,
सुई लगी, चिल्लाए ' राम' !
' राम, राम ! हाए राम !'
तब जाने सेहत के दाम,
अब हर रोज़ करें व्यायाम,
धीरे धीरे घटा वज़न,
पतले हो गए मोटूराम !
ग़म होती है, गन्दी चिज्जी :
ग़म होती है, गन्दी चिज्जी,
ख़ुशी होती, चिज्जी अच्छी,
अच्छी अच्छी, करें पक्की,
गन्दी को, हम ‘छी छी’ कर दें !
मिल जुल कर रहे सदा हम,
न लड़े, न हो खफा हम,
गुस्सा आए, तो उसे हम ,
माँ जैसी प्यारी, थप्पी कर दें !
हँसता चेहरा सबको जँचता,
लगता सबको अच्छा अच्छा,
जैसे गोलू मोलू बच्चा,
सबको लगता – पप्पी कर दें !
अच्छी अच्छी, करें पक्की,
गन्दी को, हम ‘छी छी’ कर दें !
मिल जुल कर रहे सदा हम,
न लड़े, न हो खफा हम,
गुस्सा आए, तो उसे हम ,
माँ जैसी प्यारी, थप्पी कर दें !
हँसता चेहरा सबको जँचता,
लगता सबको अच्छा अच्छा,
जैसे गोलू मोलू बच्चा,
सबको लगता – पप्पी कर दें !
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