पापा ओ पापा मेरे लगते कितने प्यारे हो



पापा ओ पापा मेरे लगते कितने प्यारे हो
जग से तुम तो न्यारे हो
दादी के दुलारे पापा
तेरी गुड़िया रानी हूं मैं
सब गुड़ियों से प्यारी हूं
मेरे नखरे सहते तुम हो
मां को भी समझाते हो
जब भी गलती करती हूं
डांट भी तुम लगाते हो
मैं जब रोने लगती हूं
चॉकलेट से फुसलाते हो
मम्मा की क्या बात करूं
वो तो भोली – भाली है
पापा की दुलारी मां
मेरी प्यारी सुंदर मां
मंगल सिंह का नाम लेकर
खाना मुझे खिलाती मां
आइसक्रीम का लालच देकर
पढ़ने को तूं भेजती माँ
मैं जब रूठ जाती हूं
कार्टून तू दिखाती मां
बात-बात पर किस्सू करती
प्यार से मुझे मनाती मां
मां – पापा मेरे अनमोल
ईश्वर के परछाई हैं
मेरे जीवन दाता वो.-
Writer – khushbu singh

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