आपके जीवन में वो आई नहीं, पर फील गुड
आपने कोई खुशी देखी नहीं, पर फील गुड
डिग्रियाँ हैं पास में देने को पर रिश्वत नहीं
नौकरी ढूँढ़ें से भी मिलती नहीं, पर फील गुड
घर का राशन ख़त्म है तो क्या हुआ उपवास रख
जेब में फूटी भी इक कौड़ी नहीं, पर फील गुड
घूस लेकर भी पुलिस का छोड़ देना कम है क्या ?
तेरी नज़रों में पुलिस अच्छी नहीं, पर फील गुड
कल थे जो उस पार्टी में आज इसमें आ गए
कुछ समझ में बात ये आई नहीं, पर फील गुड
देश क़र्जों में धँसा है, भ्रष्टता है चरम पर
बात तुमने ये कभी सोची नहीं, पर फील गुड
आप जनता हैं समय की आपको परवाह क्या
ट्रेन टाइम से कभी आती नहीं, पर फील गुड
एक ने मंडल बनाए, एक ने बंडल किए
बात दोनों की हमें भाई नहीं, पर फील गुड
नाम इक दिन आएगा इतिहास में ‘अनमोल’ का
आज इसको जानता कोई नहीं, पर फील गुड
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