झगड़िये भाय

झगड़िये भाय
कुत्ते ज्यों मारे झपट
जूठे के लिए भाय
त्यों हीं आप भी झगड़िये
सत्ता के लिए भाय
झगड़-झगड़ कर लीजिए
सत्ता कभी चलाय
जब बहुमत को खोइए
फिर से कीजिए लड़ाई
दल को सदा मिलाइए
काम सिद्ध हो जाए
राम राज्य के नाम पर
धोखा दीजिए भाय
धोखा सदा हीं दीजिए
काम सिद्ध हो जाए
गुटबाजी के जरिए
फिर सत्ता को पलटाय
सदा-सदा हीं झगड़िये
सत्ता के लिए भाय
– डॉ नारायण मिश्र


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