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किसी ने अल्लाह कह के मारा किसी ने राम कह के मारा
जो बच गए इससे उन्हें सद्दाम कह के मारा
जो आये थे घर छोड़ शहर दो रोटी कमाने को
“क्यों छिनने आये हो हमारा काम” कह के मारा
कहते हैं जिससे बड़ी नहीं कोई और इबादत दुनिया में
हाँ इसी इश्क करने की खातिर कितनो को सरेआम कर के मारा
………………………………….. Shubhashish


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