माँ

माँ
जिंदगी की कड़ी धूप मे छाया मुझ पे किये
खड़ी रहती है सदा माँ मेरे लिये
माँ के आँचल मे आकर हर दुख भूल  जाँऊ
हाथ रखे जो सर पे चैन से मै सो जाऊँ
वो जाने मुझे मुझसे ज्यादा वो चाहे मुझे सबसे ज्यादा
मेरी हर खुशी को मुझे देने के लिये
खड़ी रहती है सदा माँ  मेरे लिये
हर चोट का माँ है इकलौता मरहम
गोद मे उसकी सर रखके मिट जाये सारे गम
जिंदगी की हर घड़ी मे साथ उसका है जरूरी
माँ के साथ बिना हर खुशी है अधूरी
इस दुनिया के काँटो को फूल बनाये हुऐ
खड़ी रहती है सदा माँ  मेरे लिये।

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